गांधी जी के विचारों में निहित है हर चुनौती का समाधानः जिला कलेक्टर
देश को आजादी दिलाने वाली मजबूती का नाम है महात्मा गांधीः निदेशक
गांधी जी के विचारों में निहित है हर चुनौती का समाधानः जिला कलेक्टर
जिला स्तरीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ
पाली, 03 मार्च। शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक श्री मनीष शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी देश को आजादी दिलाने वाली और हर चुनौती के सामने चट्टान बनकर खडी रहने वाली मजबूती का नाम है।
श्री शर्मा शुक्रवार को शांति एवं अहिंसा निदेशालय के तत्वावधान में जाडन मार्ग स्थित जय अंबे फार्म एवं रिसोर्ट परिसर में दो दिवसीय जिला स्तरीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां गांधीजी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विभाग संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार निदेशालय प्रदेश भर में 2500 वाचनालय शुरू करेगा। साथ ही 50 हजार प्रेरक भी लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आगामी समय में गांधी दर्शन प्रशिक्षण उपखण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर तक आयोजित होंगे।
जिला कलेक्टर श्री नमित मेहता ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्श और विचार हर युग में प्रासंगिक हैं। उनके विचारों में समाज की हर चुनौती का समाधान निहित है। श्री मेहता ने कहा कि महात्मा गांधी ने 7 पाप बताए हैं इसमें बिना कर्म के धन अर्जित करना, बिना विवेक के सुख का भोग, मानवता रहित विज्ञान, चरित्र रहित ज्ञान, सिद्धांत रहित राजनीति, नैतिकता रहित राजनीति और बिना त्याग का धर्म शामिल है। महात्मा गांधी ने उनसे मुक्ति के लिए निरंतर प्रयास करने का संदेश दिया। श्री मेहता ने कहा कि दैनिक जीवन में हमें प्रतिदिन एक कदम इन पापों से मुक्ति की ओर बढ़ाना होगा तभी नैतिकतामूलक समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता हैं। जिला कलेक्टर ने शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के सुझाव पर कलक्ट्रेट परिसर में गांधी मूर्ति स्थापित किए जाने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि कलक्ट्रेट परिसर में ही लाइब्रेरी भी प्रस्तावित है।
विशिष्ट अतिथि जिला पुलिस अधीक्षक श्री गगनदीप सिंगला ने कहां कि गांधी जी ने सत्य और अहिंसा का मूल मंत्र दिया। इस पर चलकर हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के शांति और अहिंसा के सिद्धांत अपराध मुक्त समाज की स्थापना के लिए सर्वाधिक आवश्यक उपाय हैं।
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